Monday, June 17, 2019

अग्निपथ



वृक्ष हों भले खड़े,

हों बड़े, हों घने,
 
एक पत्र छाँह भी
 
मांग मत! मांग मत! मांग मत!
 
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
 
तू न थकेगा कभी,
 
तू न थमेगा कभी,
 
तू न मुड़ेगा कभी,
 
कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!
 
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
 
यह महान दृश्य है,
 
देख रहा मनुष्य है,
 
अश्रु, स्वेद, रक्त से
 
लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ,
 
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

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