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Monday, June 17, 2019

रुके न तू, झुके न तू

धरा हिला, गगन गुँजा

 
नदी बहा, पवन चला
 

विजय तेरी, विजय तेरीे
 

ज्योति सी जल, जला
 

भुजाभुजा, फड़कफड़क
 

रक्त में धड़कधड़क

 

धनुष उठा, प्रहार कर
 

तू सबसे पहला वार कर
 

अग्नि सी धधकधधक
 

हिरन सी सजग सजग
 

सिंह सी दहाड़ कर
 

शंख सी पुकार कर


रुके न तू, थके न तू
 

झुके न तू, थमे न तू
 

सदा चले, थके न तू
 

रुके न तू, झुके न तू




हरिवंश राय बच्चन

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