तू खुद की खोज में निकल
तू खुद की खोज में निकल
तू किस
लिए हताश है
तू चल,
तेरे
वजूद की समय को
भी तलाश है
समय को भी तलाश है
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ ना
इन को वस्त्रा तू 2
ये
बेड़ियाँ पिघाल के
बना ले
इनको शस्त्रा तू
बना ले
इनको शस्त्रा तू
तू खुद की खोज में निकल
तू खुद की खोज में निकल
तू किस
लिए हताश है
तू चल, तेरे
वजूद की
समय को
भी तलाश है
समय को
भी तलाश है
चरित्रा जब पवित्रा है
चरित्रा जब पवित्रा है
तो
क्यूँ है ये दशा तेरी 2
ये पापियों को हक़ नही
ये पापियों को हक़ नही
की लें
परीक्षा तेरी 2
तू खुद की खोज में निकल
तू खुद की खोज में निकल
तू किस
लिए हताश है
तू चल, तेरे
वजूद की
समय को
भी तलाश है
जला के भस्म कर उसे
जला के भस्म कर उसे
जो
क्रूरता का जाल है 2
तू आरती की लाउ नही
तू आरती की लाउ नही
तू
क्रोध की मशाल है
तू
क्रोध की मशाल है
तू खुद
की खोज में निकल
तू किस
लिए हताश है
तू चल, तेरे
वजूद की
समय को
भी तलाश है
समय को
भी तलाश है
चुनर उड़ा के ध्वज बना
चुनर उड़ा के ध्वज बना
गगन भी
कपकाएगा 2
अगर तेरी चुनर गिरी
अगर तेरी चुनर गिरी
तो एक
भूकंप आएगा
तो एक
भूकंप आएगा
तू खुद की खोज में निकल
तू खुद की खोज में निकल
तू किस
लिए हताश है
तू चल, तेरे
वजूद की
समय को
भी तलाश है 2
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home