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Monday, June 17, 2019

कारी कारी रैना सारी



कारी कारी रैना सारी
 
सो अंधेरे क्यूँ लाई
 
क्यूँ लाई

रोशनी के पावन् में
 
यह बेड़िया सी क्यूँ आई
 
क्यूँ आई

उजियारे कैसे अंगारे जैसे
 
च्चावन् च्चाली धूप मैली
 
क्यूँ है री

तितलियों के पंखों पर
 
रख दिए गये पत्थेर
 
आए खुदा तू घूम है कहाँ

 
रेशमी लिबासो के
 
चीरते है कुछ खंजर
 
आए खुदा तू घूम है कान

क्या रीत चल पड़ी है
 
क्या आग जल पड़ी है
 
क्यूँ चीखता है
 
सूरमाई धुआँ

क्या रीत चल पड़ी है
 
क्या आग जल पड़ी है
 
क्यू चीखता है
 
सूरमाई धुआँ

कारी कारी रैना सारी
 
सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई

रोशनी के पावन् में
 
यह बेड़ियाँ सी क्यूँ आई
 
क्यूँ आई

उजियारे कैसे अंगारे जैसे
 
च्चावन् छैलि धूप मैली

क्यूँ है री

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